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शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

कुछ हो रहा है क्या बेबी

भाभीजान की चोली का हुक खोलने के लिए मैं एक अरसे से बेताब था कि एक रोज मेरी तकदीर कुछ ऐसे खुली की मौसेरी बहन की चूचियाँ नंगी दिख गईं। वो गर्मी की छुट्टियों में मेरे घर आई हुई थी और मैं भाभी की चुदाई के चक्कर में पड़ा हुआ था।
अचानक ही मेरी नजर गेस्ट रुम में सोई मेरी मौसेरी बहन सायरा के ऊपर पड़ गई। सायरा नाईटी पहन कर सोई हुई थी, उसने अंदर चोली पहनी थी, पर नाईटी का गला बड़ा होने के चलते वो सरक के चोली का दीदार करा रही थी। काली चोली में सफेद चूचियाँ, मैं भाभी की चूचियों को भूल गया। मैंने ध्यान से देखा तो मेरा मन जाकर उन्हें छू लेने को करने लगा।
मैंने चूत को दबा कर चोदने की अपनी इच्छा को अपने अंदर जगते देखा और फिर मैं सायरा के पास चला गया। उसकी नाईटी घुटनों तक चढ़ी हुई थी और उसने पैर मोड़ कर उठाए हुए थे, जिससे कि नीचे से मैं उसकी चड्ढी झांक सकता था। मैंने उसकी नाईटी के नीचे झांका तो सफेद पैंटी उसकी बुर से चिपकी हुई थी। दोनों फांकें चूत की पैंटी के ऊपर से चिपके होने के चलते आकार में आकर एकदम मस्त नजर आ रहीं थीं।
मैंने उसकी चूत के आकार का अंदाजा लगाया और सोचा, वो एक बित्ते की थी, एक बित्ते की चूत और गहराई लगभग दस इंच रही होगी। वो खाते-पीते परिवार की लौंडिया है और उसकी गांड मोटी थी। मैं समझ गया था कि आज मुझे चूत मिलने वाली है। बस मैंने अपने मन से तहजीब के डर को किनारे रखा और दरवाजे की किल्ली लगा दी। अपने सारे कपड़े उतार कर लंड को ठेहुका कर मतलब कि खड़ा करके उसके बगल में लेट गया।
सायरा ने करवट बदली तो उसका एक हाथ सीधा मेरे लंड पर चला गया। किस्मत मुझ पर मेहरबान थी और मैंने अपनी आँखें बंद करके मजा लेना शुरु कर दिया। उसने लंड को पकड़ के ऐसे थाम रखा था जैसे कि उसने कोई गियर थाम रखा हो। थोड़ी देर में उसने करवट बदल के दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़ लिया।
अब वो मेरे करीब आ गई थी। उसे अहसास नहीं था कि क्या कर रही है, वो अब मेरे लौड़े को मसल रही थी। मैं चुपचाप था, मैं उसकी चोली को घूर रहा था जिसमें उसके गोरे गोरे कबूतर बंद थे और बाहर निकलने को छटपटा रहे थे।
मैंने उसके उरोजों को पकड़ने के लिए अपने हाथ बढ़ाने चाहे पर रुक गया, अगर उसे अच्छा न लगा तो। वो मुझे बहुत अदब से भाईजान कहती थी। मैं जब्त करके रखा अपनी भावनाओं को और तभी उसने अपनी आँखें खोल दी। मैंने अपनी आँखें बंद कर रखीं थी, जैसे कि मैं कुछ जानता ही न था। वो उठ कर बैठ गई और हैरान रह गई। मुझे नंगा देख और दोनों हाथों से खड़े लंड को पकड़े देख वो दंग थी, पर वो भागी नहीं।
उसने मेरे लंड को पकड़ कर चूमना शुरु कर दिया। आह्ह ! मैं चुपचाप लंड में होने वाली सनसनी को सहता रहा।
मेरा लंड बढ़ कर आठ इंच का हो चुका था, सुपारा फूल कर मोटा। सायरा ने उसे चूसना शुरु कर दिया था और गले में अंदर तक ठेल लिया था। अब मैंने अपनी आँखें खोल लीं। वो शरमा गई और उसने लन्ड छोड़ दिया।
मैं बैठ गया और उसे उठा कर अपने गोद में बिठा लिया, उसके चोली को पकड़ के खोलने लगा और उसे चूमने लगा। वो पागल होने लगी थी, उसने मेरे जीभ को अपने दांतों से लगभग चबाते हुए किस करना शुरु कर दिया था।
मैंने अपने हाथों से उसका मेक्सी उठाया और सफेद चड्डी फाड़ कर रंगीन कंवारी चूत को आजाद कर दिया। अब मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया, नाईटी खोल दी, चोली में से एक चूची निकाल कर मसलने लगा। दोनों हाथों से दबाते हुए मैंने उसके बोसे लेना चालू रखा। दोनों हाथों से चूची दबाने से वो कहने लगी- आह्ह भाईजान धीरे धीरे दबाओ, उफ्फ मुझे कुछ हो रहा है।
मैंने पूछा- कहाँ और क्या हो रहा है?
तो बोली- नीचे कुछ हो रहा है।
मैंने कहा- कहाँ?
तो वो शरमा गई।
मैंने पूछा- चूत में कुछ हो रहा है क्या बेबी?
वो बोली- छीः आप कितना गंदा बोलते हो।
मैंने उंगली से उसकी चूत को सहलाते हुए पूछा- इसमें कुछ हो रहा है क्या?
तो वो बोली- हां ! करते रहिए ! अच्छा लग रहा है।
चोली खोल रसपान और स्तनपान किया, अब मैंने उसकी चोली से दूसरी चूची निकाल कर पीना शुरु कर दिया था। जैसे ही अपने मुँह में पूरे चूचे को अंदर करते हुए दांतों से दबाता तो वो आह्ह ! आह्ह ! कर उठती।
मजे से मैंने उसके स्तनपान के बाद उसकी टांगें फैला कर उसकी चूत को चूसना शुरु कर दिया। किसी आईसक्रीम की तरह मैंने च्च्च्चपड़ सपड़ करके उसका रस लेना शुरु किया और वो मजे से सिसकारियाँ लेती रही। उसकी चोली मैंने किनारे रख दी थी।
चूत का रसपान करने के बाद मैने सायरा की गांड तले तकिया रख दिया। उसकी चूत अब ऊपर की तरफ उभर आई। स्पष्ट खुली और चुदवाने की दावत देती चूत को चोदने का निमंत्रण पाकर मैं एकदम मस्त हो चुका था। मैंने चूत मारने के लिए उसकी चूत में थूक दिया और अपने लंड पर थूक से अच्छे से मालिश की। थूक बेस्ट लुब्रिकेंट होती है।
धीरे से उसकी चूत की गुलाबी फांकें खोल कर छोटे छेद पर सुपाड़े को रख कर मैंने अपने होटों से उसके होंट भींच लिये और धक्का लगाना शुरु किया।
वो मुझे अपने से दूर ठेलने लगी। मैंने जरा सी जबरदस्ती से काम लेते हुए एक ही झटके में लंड को अंदर ठोक दिया। वो चिहुंक गई और जोर से मुझे पकड़ लिया। वो रो रही थी, आँखों में पहली चुदाई का दर्द और सील टूटने से बहता खून दोनों ही उसके लिए पहले तजुर्बे थे।
अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और वो ताल और लय से चुदाई में मेरा साथ दे रही थी। जम कर अपनी मौसेरी बहन सायरा की चूत का भोग करने के बाद मैंने उसे अपनी माशूका का दर्जा दे दिया। उसकी वो काली चोली आज भी मेरे पास सौगात के तौर पर रखी हुई है जिसे वो देकर गई थी। आज भी उसकी शादी हो गई पर उसकी वो चोली मुझे याद दिलाती है।
हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना  !
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