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बुधवार, 17 अप्रैल 2013

चुदाई का सिलसिला


दोस्तो, मेरा नाम है अमित, मैं सोनीपत, हरियाणा का रहने वाला हूँ, मेरी आयु 20 वर्ष है! शरीर से थोड़ा भारी हूँ, रंग गोरा है कद छ्ह फ़ुट है चहेरा, व्यव्हार व बोलचाल में अच्छा हूँ।

मैं "हिंदी सेक्सी कहानियां" का बेहद शौक़ीन हूँ, इसकी हर चुदाई को पढ़-पढ़ कर मुझे बहुत आनन्द आता है मेरे मन में भी विचार उत्पन्न हुआ कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी लिखूँ कि किस तरह मैंने पडोस की लड़की के साथ सेक्स सम्बन्ध बनाए। उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को कहानी पसंद आएगी।

यह बात पाँच महीने पहले की है हमारे पड़ोस में एक लड़की रहती है सोनिया। गोरा शरीर, लम्बे बाल, लाल होंठ व फ़िगर 34-30-36 मोटी चूचियाँ, मोटे चूतड़। अगर कोई उसे नंगा देख ले तो उसका पानी निकल जाए। वह अपनी मम्मी, बडे भाई व छोटी बहन के साथ रहती है दो साल पहले उसके पिता जी की मृत्यु हो गई थी।

उस दिन शनिवार था, दोपहर का लगभग सवा बारह का समय था। तेज धूप होने के कारण गर्मी ज्यादा थी। मेरी मम्मी ने उसकी मम्मी को बुलाकर लाने को कहा।

मैंने उनके बाहर दरवाजे से उसकी मम्मी को आवाज लगाई लेकिन कोई बोला नही तो मैं घर के अन्दर चला गया। अन्दर कमरे मे जाने पर देखा कि सोनिया ने अपना कमीज ऊपर चूचियों तक उठा रखा था। शायद वो घर की सफ़ाई करने के बाद पसीना सुखा रही थी और थकान के कारण उसकी आँखें भी बन्द हो गई थी या वह सो गई थी।

उसका गोरा व चिकना पेट देख कर मुझसे रहा नहीं गया और उसके पास बैठ कर उसके पेट को सहलाने लगा।

मेरे सहलाने के कारण उसे गुदगुदी हो रही थी और वो नींद में भी मुस्करा रही थी। मुझे लगा कि उसको मजा आ रहा है, यही सोच कर मैंनें उसकी चूचियाँ कसकर दबा दी। दर्द होने पर वो नींद से जागी और मुझे जोर से पीछे धकेल दिया व रोने लगी।

उसका रोना देख कर एक बार तो मैं भी डर गया था कि अब पता नहीं क्या होगा।

मैंने सोचा कि अगर इसने घर पर बता दिया तो पिटना तब भी और अब भी, बहुत विनती करके उसको चुप कराया और वादा किया कि किसी को नही बताऊँगा तब जाकर वो चुप हुई। उसकी मम्मी के बारे में पूछा तो पता चला कि मम्मी, उसका भाई व उसकी बहन उसके मामा के घर गए हुए हैं।

फ़िर मैंने उससे कहा- यार, एक बार अपनी कमीज़ ऊपर करके अपनी चूचियाँ दिखा दे !

लेकिन वो नहीं मानी, 15 मिनट की मिन्नतें व वादे किए किसी को नही बताऊँगा तब जाकर उसने अपनी कमीज़ ऊपर की। उसने लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी, गोरे रंग पर लाल रंग की ब्रा यह तो आप भी सोच रहे होगे कि वो कैसी लग रही होगी।

मैंने कहा- क्या मैं तेरी चूचियाँ को एक बार दबा लूँ, दर्द नही होने दूँगा।

तो वो मान गई।

मैं उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूचियों को सहलाने लगा, मजा तो उसको भी आने लगा था। मैंने उसकी चूचियों को प्यार से कई बार दबाया लेकिन उसने अपने ऊपर कंट्रोल करके मुझे हाथ हटाने को कहा।

मैंने पूछा- दर्द हुआ क्या?

तो उसने ना में सिर हिलाया।

मैंने पूछा- फ़िर मना क्यों कर रही हो?

तो उसने कहा- मुझे डर लग रहा है !

मैंने पूछा- किस चीज का डर?

तो उसने कहा- कहीं कोई परेशानी ना हो जाए।

फ़िर मैंने उसको समझाया तो वो मान गई। मैंने उसको बैड पर लेटने को कहा ओर साइड मे लेटकर उसकी चूचियों को मसलने लगा। दो मिनट के बाद मेरा मुँह उसकी चूचियों पर था, मैं उसकी दायीं चूची को चूसने लगा, उसकी धड़कन बढ़ गई थी, उसकी चूचियाँ ऊपर-नीचे होने लगी थी, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी।

कुछ देर चुचियाँ चूसने के बाद मैंने उसके ऊपर वाले होंठ को अपने दांतों से काटना शुरु कर दिया, थोड़ी देर तक हम दोनों किस करते रहे और मैं उसके मम्मे दबाता रहा.. फिर हम दोनों ने कपड़े उतारे और एक दूसरे से लिपट गए.. उसके मुँह से हल्की-हल्की आवाजें आ रही थी- ऊह्ह आ आआ !

मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरु किया और वो भी पागल होती जा रही थी, मेरा तो लंड फटने को हो रहा था। मैंने उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पर लगा दिया, उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ऊपर-नीचे करने लगी।

थोड़ी देर बाद वो गीली हो गई और तब मैंने उसको बोला- तुम मेरा लंड चूसो।

उसने बोला- नहीं, यह मेरे से नहीं होगा..

मैंने उसको बोला- एक बार लेकर देखो ! अगर अच्छा ना लगे तो निकाल देना।

मेरे ज्यादा दबाव देने पर वो मान गई फिर मैंने अपना लोड़ा उसके मुँह में दिया और मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा।

फिर वो बोली- मेरे नीचे वहाँ कुछ हो रहा है।

मैं बोला- तो अभी उसका इलाज करता हूँ सोनिया जान ! तुम लेट जाओ !

वो लेट गई, मैंने अपना लोड़ा उसकी चूत में थोड़ा सा ही डाला तो उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी- आ... उ... आ.. उ...आहः फिर मैंने एक हल्का धक्का दिया, मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। मैं उसके मम्मे पीता रहा, कभी उनको दबाता रहा।

उसके मुँह से बस आ.. उ.. आ.. उ.. की आवाजें आ रही थी।

मैं बोला- आज के बाद अगर तुम्हें इसमें कभी कोई परेशानी हो तो आप मुझे आवाज दे लेना, मैं इसका इलाज कर दूँगा।

थोड़ी देर तक चुदाई चलती रही, फिर मेरा झड़ने को था तो मैंने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और उसके पेट पर अपना वीर्य निकाल दिया।

निबटने के बाद मैंने पूछा- सोनिया, तुम्हें दर्द नहीं हुआ? तुम पहले भी यह करवाती रही हो क्या?

सोनिया ने बताया- नहीं ! पर मैं उंगली से, खीरे से अपने को मजा देती रहती हूँ।

चुदाई के चक्कर में मुझे ध्यान ही नहीं रहा था कि घर पर मम्मी भी इन्तज़ार कर रही है। अब घर पर अकेला गया तो मम्मी पूछेगी कि आन्टी किधर है और इतनी देर कैसे लगी, तो मैंने उनके घर से अपने मोबाइल से घर पर फोन किया ओर मम्मी को बताया कि आन्टी घर पर नहीं थी, और मैं दोस्तों के साथ मन्दिर की तरफ घूमने गया हूँ।

थोड़ी देर बाद हमने फिर से एक बार और चुदाई की.. एक घन्टे बाद में मैं अपने घर चला आया !

चुदाई का यह सिलसिला अभी तक जारी है..

अब बताओ दोस्तो, आपको कहानी कैसी लगी? मेल करें !

amitkumarharyana090909@gmail.com

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